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Shayari

मंजिल मिलेगी, भटक

मंजिल मिलेगी, भटक

Jul 4, 2021

मंजिल मिलेगी, भटक
कर ही सही
गुमराह तो वो हैं
जो घर...

रिश्तों की लम्बी कतारों

रिश्तों की लम्बी कतारों

Jul 4, 2021

मुझे रिश्तों की लम्बी कतारों से मतलब नहीं
कोई दिल ...

कोई ताबीज ऐसा दो कि

कोई ताबीज ऐसा दो कि

Jul 4, 2021

कोई ताबीज ऐसा दो कि
मैं भी चालाक हो जाऊं
बहुत नुकस...

नफरत हो जायेगी तुझे

नफरत हो जायेगी तुझे

Jul 4, 2021

नफरत हो जायेगी
तुझे तुझसे
अगर मैं तुझसे तेरे ही
अं...

उनका इल्जाम लगाने का

उनका इल्जाम लगाने का

Jul 4, 2021

उनका इल्जाम लगाने का अंदाज़ ही,
कुछ गजब का था, हमने...

फिर से मुझे मिटटी में

फिर से मुझे मिटटी में

Jul 4, 2021

फिर से मुझे मिटटी में
खेलने दे ऐ जिंदगी
ये साफ़ सुथ...

अपने लहज़े पे गोर कर

अपने लहज़े पे गोर कर

Jul 4, 2021

अपने लहज़े पे गोर कर के बता
लफ्ज़ कितने हैं और
तीर क...

तसल्ली से पढ़ा होता

तसल्ली से पढ़ा होता

Jul 4, 2021

तसल्ली से पढ़ा होता
तो समझ में आ जाते हम
कुछ पन्ने ...

इतनी बदसलूकी ना कर

इतनी बदसलूकी ना कर

Jul 4, 2021

इतनी बदसलूकी ना कर
ऐ जिंदगी 
हम कौन सा यहाँ
बार बा...

नाम तेरा मेरी जुबां पर

नाम तेरा मेरी जुबां पर

Jul 4, 2021

नाम तेरा मेरी जुबां पर खुद ही आ
जाता है
जब कोई मुझ...

पसीने की स्याही से जो लिखते

पसीने की स्याही से जो लिखते

Jul 4, 2021

पसीने की स्याही से जो लिखते हैं
अपने इरादों को
उनक...

यूँ ही दे रहा है कतल

यूँ ही दे रहा है कतल

Jul 4, 2021

यूँ ही दे रहा है कतल की धमकियाँ
हम कौन सा जिंदा है...

Sanvidhan

26 January, 2017 | Rajjat Garg | Meri Soch

नाम का मनाते हो दिन मेरा,
सारा साल करते अपमान,
सच्च है ये पर कड़वा है,
सो रहा है हिंदुस्तान |

Baatein Ped Ki

20 January, 2017 | Rajjat Garg | Meri Soch

खड़ा हूँ निस्वार्थ मैं,
सेवा में तुम्हारी,
देता ही हूँ कुछ लेता नहीं,
ज़रा कदर करो हमारी |

Pehli Dafa

9 January, 2017 | Rajjat Garg | Meri Soch

जगा दिल के एहसासों को,
खींच रही थी अपनी ओर,
पल भर में सब साफ़ हो गया,
पहली दफा देखा ऐसा चित्त-चोर |

2017

3 January, 2017 | Rajjat Garg | Meri Soch

ये समाँ जाने को है,
नया समाँ आने को है,
मत करो ग़म उसका जो छूट गया,
आने वाला समाँ कुछ पाने को है |

26 December, 2016 | Rajjat Garg | Meri Soch

याद कर के जिनको,
आँख में पानी भर जाता है,
चेहरा जब नन्हे साहिबजादों का,
सामने मेरे आ जाता है ।

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