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Poetry

संविधान

संविधान

Jun 14, 2021

नाम का मनाते हो दिन मेरा,
सारा साल करते अपमान
सच्च...

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2017

2017

Jun 14, 2021

ये समाँ जाने को है,
नया समाँ आने को है,
मत करो ग़म ...

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मंजिल की ओर

मंजिल की ओर

Jun 14, 2021

एक तरफ़ अपने हैं,
दूसरी ओर सपने हैं,
उनकी सुनूं या...

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बातें पेड़ की

बातें पेड़ की

Jun 14, 2021

खड़ा हूँ निस्वार्थ मैं,
सेवा में तुम्हारी,
देता ही...

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दास्तां सूबा - ए - सरहिंद

दास्तां सूबा - ए - सरहिंद

Jun 14, 2021

याद कर के जिनको,
आँख में पानी भर जाता है,
चेहरा जब...

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माँ

माँ

May 20, 2021

चारों ओर नज़र तुम आती,
ममता भरी छाँव मुझको भाती,
प...

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पहली दफा

पहली दफा

Jun 14, 2021

जगा दिल के एहसासों को,
खींच रही थी अपनी ओर,
पल भर ...

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बचपन

बचपन

Jun 14, 2021

आता है ये सबके पास,
जीवन का समां है ये ख़ास,
चाह कर...

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Sanvidhan

26 January, 2017 | Rajjat Garg | Meri Soch

नाम का मनाते हो दिन मेरा,
सारा साल करते अपमान,
सच्च है ये पर कड़वा है,
सो रहा है हिंदुस्तान |

Baatein Ped Ki

20 January, 2017 | Rajjat Garg | Meri Soch

खड़ा हूँ निस्वार्थ मैं,
सेवा में तुम्हारी,
देता ही हूँ कुछ लेता नहीं,
ज़रा कदर करो हमारी |

Pehli Dafa

9 January, 2017 | Rajjat Garg | Meri Soch

जगा दिल के एहसासों को,
खींच रही थी अपनी ओर,
पल भर में सब साफ़ हो गया,
पहली दफा देखा ऐसा चित्त-चोर |

2017

3 January, 2017 | Rajjat Garg | Meri Soch

ये समाँ जाने को है,
नया समाँ आने को है,
मत करो ग़म उसका जो छूट गया,
आने वाला समाँ कुछ पाने को है |

26 December, 2016 | Rajjat Garg | Meri Soch

याद कर के जिनको,
आँख में पानी भर जाता है,
चेहरा जब नन्हे साहिबजादों का,
सामने मेरे आ जाता है ।

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